हमीरपुर। बालिका शिक्षा के लिए सरकार के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। दरअसल, आज भी पास स्कूल न होने और आर्थिक समस्याओं के चलते बालिकाएं शिक्षा से महरूम हैं।
गहबरा की पूजा पढ़ना चाहती है, लेकिन सरकारी स्कूल मौदहा में 15 किमी दूर है। इस कारण से उसने दाखिला नहीं लिया और कक्षा 10 पढ़ने के बाद घर में बैठी हैं। चमरखन्ना की रोशनी भी कक्षा 8 पास कर आगे की पढ़ाई को 17 किमी जाने घबरा रही हैं। लरौंद की प्रियंका हाईस्कूल करने के बाद दाखिला नहीं ले पाई। खुशबू ने भी कक्षा 8 के बाद अधिक दूर स्कूल होने के कारण दाखिला नहीं लिया है। आरटीई फोरम की कार्यक्रम अधिकारी सृजिता मजूमदार का कहना है कि लड़कियों को सतत रूप से स्कूल जाने के लिए पहल होनी चाहिए। इधर, जिला विद्यालय निरीक्षक श्याम सरोज वर्मा का कहना है कि विद्यालय को लेकर नीतियां ऊपर से निर्धारित की जाती हैं। वे अफसरों तक बात पहुंचा देते हैं।