केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में कहा है कि नीट-अखिल भारतीय कोटे में ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) और ओबीसी के लिए आठ लाख रुपये की सालाना आय का मानक मनमाना नहीं है। एक गंभीर अध्ययन के बाद ये मापदंड तय किए गए हैं।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने मंगलवार को कोर्ट में दिए शपथपत्र में यह जानकारी दी। सरकारने कहा, ईडब्ल्यूएस श्रेणी का निर्धारण सिंहो रिपोर्ट के आधार पर किया गया है। इसमें सभी हित धारकों से विमर्श किया गया। ओबीसी और ईडब्ल्यूएस को मेडिकल में आरक्षण देने को चुनौती दी गई है।
ऐसे किया निर्धारण
केंद्र ने कहा कि 2016 में ओबीसी की क्रीमी लेयर सीमा छह लाख थी, 2017 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर इसे बढ़ाकरे आठ लाख किया गया। इस अध्ययन के बाद केंद्र ने ईडब्ल्यूएस के लिए आय का यह मानक अपनाया।