खातों में पैसा भेजने की प्रक्रिया अधर में लटकी है, खाते नहीं हो पाए हैं
मुजफ्फरनगर। जिले के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं को इस सत्र में अब तक न तो स्वेटर मिले हैं और न ही ड्रेस मिल पाई है। सरकार ने बच्चों के खातों में पैसा भेजने की घोषणा की है, इसके लिए अभी तक 65 हजार बच्चों के खाते भी अपडेट नहीं हो पाए हैं।
प्रदेश सरकार परिषदीय विद्यालयों के छात्रों को ड्रेस, स्वेटर और जूते मौजे देती आई है। प्रति वर्ष इनके टेंडर छोड़े जाते थे और बच्चों को सीधा वितरण हो जाता था। इस बार सरकार ने निर्णय लिया है कि बच्चों को पैसे दिए जाएंगे कि बाजार से वह खुद इस सामान की खरीद करेंगे। सरकार ने घोषणा तो कर दी, लेकिन योजना अभी तक फलीभूत नहीं हो पाई है। सर्दी शुरू हो गई है। नवंबर शुरू होने वाला है। गरीब परिवारों के बच्चों के सामने स्वेटर और ड्रेस का संकट है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मायाराम ने बताया कि जिले के परिषदीय विद्यालयों में एक लाख 68 हजार छात्र-छात्रा अध्ययनरत है। सरकार ने इस बार ड्रेस, स्वेटर, जूतों की जगह बच्चों के खातों में 1100 रुपये देने की बात कही है। जिले से एक लाख तीन हजार खाते अपडेट होकर जा चुके हैं। 65 हजार को अपडेट करने की प्रक्रिया चल रही है।
