उत्तर प्रदेश Uttar Pradesh सरकार भले ही शिक्षण व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने का दावा कर रही हो लेकिन रायबरेली (Raebareli) के सरकारी स्कूलों school की स्थति इन सारे दावों की पोल खोल रही है. शहर क्षेत्र के रायपुर प्राथमिक विद्यालय prathmik vidyalaya में कुल 99 बच्चे पंजीकृत हैं जिसके एवज में पिछले सात सालों से मात्र एक शिक्षामित्र shikshamitra तैनात हैं और अपनी जिम्मेदारी संभाल रही हैं. भवन का बरामदा इतना जर्जर हो गया है कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. शिक्षा विभाग shiksha vibhag और जिला प्रशासन इस बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है. यही कारण है कि जिले के जिम्मेदार अधिकारी द्वारा व्यवस्था को सुधारने का अभी तक कोई प्रयास नहीं किया गया. जिसकी वजह से बच्चों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है.
99 छात्र करते हैं पढ़ाई
नगर क्षेत्र के रायपुर प्राथमिक विद्यालय parishadiya vidyalaya में कुल 99 छात्र पंजीकृत हैं, जिस को पढ़ाने के लिए मात्र एक शिक्षामित्र तैनात हैं. सन 2015 में मौजूदा प्रिंसिपल के रिटायर होने के बाद वहां एक भी नियुक्ति नहीं हुई है. जिसके कारण स्कूल school की जिम्मेदारी मात्र एक शिक्षामित्र पर टिकी हुई है. अब इसका अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक शिक्षामित्र कक्षा एक से 5 तक के बच्चों को किस तरह शिक्षा दे रही होगी?
7 सालों से नहीं हुई किसी शिक्षक की तैनाती
सभी 99 बच्चों को मात्र दो कमरों में बैठाया जाता है क्योंकि बरामदा इतना जर्जर हो चुका है कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. यह स्कूल शहर मुख्यालय से मात्र दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है फिर भी किसी अधिकारी की नजर इस स्कूल school पर नहीं पड़ी. एक स्कूल में पिछले सात सालों से किसी भी शिक्षक Teacher की तैनाती ना होना और एक शिक्षामित्र के भरोसे पूरे स्कूल को संचालित करवाना कहीं ना कहीं शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है. यह स्थति मात्र रायपुर का ही नहीं है बल्कि नगर क्षेत्र के दर्जनों स्कूल ऐसे हैं जहां पर इस तरह की स्थति आम हो चुकी है।
इस मामले को लेकर अपर जिलाधिकारी अमित कुमार ने कहा कि मामला अभी उनके संज्ञान में आया है. उन्होंने कहा कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी BSA से इसकी जांच करा कर कार्रवाई की जाएगी।

