बीआरसी बना शराबियों का अड्डा, शाम होते ही लग जाता है शराबियों का जमघट
नगर में बना बीआरसी भवन शराबियों की धमाचौकड़ी से बदहाल है। यहां संचालित सरकारी देशी व विदेशी शराब की दुकान से शराब खरीदने के बाद लोग बीआरसी भवन के मुख्य द्वार व पास से निकली संडीला सडक किनारे लगे ठेले पर जाम छलकाने लगते हैं। जिससे सामाजिक वातावरण दूषित हो रहा है। इसके साथ ही अक्सर शराबियों द्वारा यहां आपसी उत्पात शुरू कर दिया जाता है, जिससे विवाद की स्थिति भी निर्मित होने लगती है। शराबियों की धमाचौकड़ी से आम लोगों के साथ ही यहां के कुछ व्यापारी आस पड़ोसी भी परेशान हैं। नगर का मुख्य चौराहा नजदीक होने के कारण यहां सामान्य लोगों का भी जमघट रहता है।
यात्रियों की भी भीड़ देर शाम तक रहती है, जो शराबियों के धमाचौकड़ी से परेशान रहते हैं। कई बार शराबी ज्यादा शराब पीकर सडक़ में भी लुढक जाते हैं, जिससे वाहन चालकों को परेशानी होती है। पुलिस द्वारा बीच- बीच में धमाचौकड़ी मचाने वाले शराबियों पर कार्रवाई तो होती है, लेकिन नियमित रूप से कार्रवाई न होने के कारण शराबियों के हौंसले बुलंद हैं, और उनकी धमाचौकड़ी पर विराम नहीं लग पा रहा है। शराबियों की धमाचौकड़ी खुले आम होती शाम शिक्षा के मंदिर बीआरसी द्वार पर सैकड़ों लोगों द्वारा खुलेआम शराब पिया जाना मुसीबत का सबब बनी हुई है। बीआरसी भवन के ठीक सामने शासकीय देशी व पास में विदेशी शराब और बीयर की दुकानो का संचालन हो रहा है। होती शाम पांच बजे के बाद यहां लोग शराब क्रय करने के बाद परिसर के मुख्य द्वार पर नगर पंचायत द्वारा लगाए गए वाटर कूलर एवं लगे नल से ताजा ठंडा पानी लेकर वहीं बैठकर जाम छलकाने लगते हैं जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हद तो तब हो जाती है जब शराबियों द्वारा शराब पीकर खाली बोतल नमकीन के खाली रेपरों को बीआरसी परिसर के अंदर फेंक दिया जाता है। वही संडीला सड़क मार्ग मार्ग स्थित सिकिलिन टोला के स्थाई भाजपा कार्यालय के बाहर शराबियों द्वारा जाम से जाम लड़ाया जाना आम बात हो गई। वैसे तो पास के बस स्टैंड पर पुलिसकर्मी भी तैनात रहते हैं, लेकिन इन शराबियों से पुलिस का कुछ खास मतलब नहीं रहता । पूछे जाने पर खंड शिक्षा अधिकारी अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि अराजकतत्वों द्वारा ऐसी हरकतें आए दिन की जाती है।

