इस राज्य के शिक्षक और प्रिंसिपल पकड़ेंगे नशा तस्कर, अदालत में गवाही भी देंगे
• सरकार के बंद होने का नाम आदेश से शिक्षकों में नाराजगी
भले ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिक्षकों की ड्यूटी गैर शिक्षण कार्यों में लगाए जाने को लेकर समय समय पर आदेश जारी हुए हैं लेकिन गैर शिक्षण कार्यों में डयूटी लगाए जाने का सिलसिला नहीं ले रहा है। अब एक नए फरमान ने स्कूल प्रिंसिपलों और शिक्षकों की नींद हराम कर दी है। इस फरमान के अनुसार शिक्षकों को नशीले पदार्थ पकड़े जाने की कार्यवाही में शामिल होना पड़ेगा साथ ही अदालतों में गवाही और तारीख पर जाना पड़ेगा, इस नए आदेश को लेकर शिक्षक संगठनों में जबरदस्त नाराजगी व्याप्त है। 29 मई दो दिन पहले इस प्रकार का आदेश उदाहरण के तौर पर पंचकूला के स्कूलों में प्रिंसिपल और शिक्षकों के नाम के साथ पहुंचा है।
हैरान करने वाली बात यह है कि डीजीपी क्राइम की ओर से यह आदेश वर्ष 2019 में 30 अगस्त को जारी किए गए थे, अब डीजी क्राइम के अनुसार जिलों में कुछ अन्य विभागों के अफसरों से सहयोग लिया जाना था, लेकिन अब 2023 में नई सूची तैयार कर विधिवत आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। सूची में शामिल शिक्षकों प्रिंसिपलों को ड्रग और नशीले पदार्थ पकड़े जाने पर सभी पंचकूला जिलों के थानों में जाना होगा, साथ ही बिना उपायुक्त की पर्मिशन के मुख्यालय पर भी नहीं छोड़ सकते। मेल और अन्य माध्यम से भेजे गए इन आदेशों के मिलने के बाद से शिक्षकों में नाराजगी व्याप्त हो गई है। अकेले पंचकूला जिले की बात करें, तो सूची में 16 शिक्षकों के अलावा अन्य दो अधिकारी भी लिए गए हैं। जिसमें एक एसडीओ बिजली बोर्ड और एक खाद्य एवं आपूर्ति विभाग का अधिकारी शामिल है।


