मिड-डे-मील पर पड़ रही महंगाई की मार✍️ तीन वर्ष में कई गुणा बढ़ी खाद्य पदार्थों की कीमत, वर्ष 2020 में बढ़ाई गई थी कन्वर्जन कास्ट
संवाद सहयोगी, फिरोजाबाद : परिषदीय स्कूलों में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराना शिक्षकों के लिए मुश्किल होता जा रहा है। पिछले तीन वर्ष में मिड- डे-मील बनाने में उपयोग होने वाले खाद्य पदार्थों की कीमतें दो से चार गुना तक बढ़ गई हैं, लेकिन कन्वर्जन कास्ट नहीं बढ़ाई गई है।
सरकार स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा मुहैया कराने के साथ प्रतिदिन मैन्यू के हिसाब से खाना खिलाया जाता है। शासन द्वारा वर्ष 2019 तक पूर्व प्रधानाध्यापकों को प्राथमिक स्कूल के प्रति बच्चा के लिए 4.48 रुपये और उच्च प्राथमिक स्कूल के प्रति बच्चा के लिए 6.70 रुपये कन्वर्जन कास्ट दी जाती थी। इसके बाद शासन ने वर्ष 2020 में इसे बढ़ाते हुए 4.97 रुपये और 7.45 रुपये कर की।
पिछले तीन वर्ष से कन्वर्जन कास्ट नहीं बढ़ाई गई है। जबकि तेल, मसाले सहित मिड-डे-मील में उपयोग होने वाली सामग्री की कीमतें काफी बढ़ गई हैं। वहीं दूध 50 से 60 रुपये प्रति लीटर और फलों के दाम भी बढ़ने से प्रधानाध्यापकों के सामने आर्थिक संकट खड़ा है। प्रधानाध्यापकों का कहना है कि कन्वर्जन कास्ट नहीं बढ़ने के कारण खाने की गुणवत्ता पर असर पड़ने लगा है।


