बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के अंतरजनदीय स्थानांतरण में एक बहुत दिलचस्प तथ्य सामने आया है। स्थानांतरण लेकर जिले में आने वाले शिक्षकों में से 27 प्रतिशत ने अपने पर आपको एकल अभिभावक दिखाया है। यानि इनका अपने पति या पत्नी से तलाक हो चुका है। माना जा रहा है. कि अपने जिले में स्थानांतरण पाने के लिए इन शिक्षकों ने कानूनी रूप से अपनी जीवनसाथी से कागजों पर तलाक लिया है, हालांकि ये अभी भी साथ ही रह रहे हैं।
परिषदीय विद्यालयों में स्थानांतरण पर रोक है। हर दो साल में शासन स्तर पर ही स्थानांतरण के लिए मंजूरी मिलती है। मंजूरी के लिए अलग-अलग आधार पर अंक दिए जाते हैं। इन अंकों के आधार पर बनने वाली लिस्ट के हिसाब से शिक्षकों को दूसरे जिलों में भेजा जाता है। इसमें एक बिंदु एकल अभिभावक का भी होता है। एकल अभिभावक वाले शिक्षक को स्थानांतरण के लिए दस अतिरिक्त अंक मिलते हैं। एकल अभिभावक में तलाकशुदा शिक्षक के साथ ही वे शिक्षक शामिल होते हैं. जिनके पति या पत्नी की मृत्यु हो चुकी है। दूसरे जिलों से बिजनौर में 397 शिक्षक स्थानांतरित होकर आए हैं। इनमें से 110 शिक्षकों ने बीएसए कार्यालय में ज्वाइनिंग कर ली है। इसमें सबसे दिलचस्प तथ्य है कि 110 शिक्षकों में से 30 ने खुद को एकल शिक्षक दर्शाया है। खास बात यह है कि इन्होंने खुद को तलाकशुदा ही दिखाया है और बच्चों की परवरिश के लिए बिजनौर आने की बात कही है। इसी आधार पर इनका जिले में स्थानांतरण हुआ है। तलाक के कानूनी पत्र भी प्रस्तुत किए हैं। एक और रोचक तथ्य यह है कि ज्यादातर तलाक जनवरी 2023 से मार्च के बीच ही दशांये गए हैं। विभाग में चर्चा है कि ये शिक्षक अपने जीवनसाथी के साथ ही रह रहे हैं। केवल जिले में आने के लिए ही इन्होंने खुद को तलाकशुदा दशांगा है।
मामला संज्ञान में नहीं है। केवल स्थानांतरण के लिए शिक्षको से इस तरह के कार्य की अपेक्षा नहीं की जा सकती है। पूर्ण बोरा, सीडीओ
एकल अभिभावक के रूप में शिक्षकों ने कोर्ट से जुड़े प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए है। इसके आधार पर शासन स्तर से ही उनका स्थानांतरण किया गया है।
जयकरन यादव, बीएसए

