लखनऊ। केंद्र की तर्ज पर यूपी में भी उन कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने पर विचार किया जाएगा, जिनका चयन या चयन की प्रक्रिया एक अप्रैल 2005 से पहले शुरू हुई थी। यह भी कहा गया कि इस श्रेणी में आने वाले कार्मिकों की संख्या का पता लगाने के लिए विभागों से रिपोर्ट मांगी जा रही है।
उसके बाद वित्त विभाग का परामर्श लिया जाएगा। संयुक्त राज्य कर्मचारी परिषद और शासन के बीच मंगलवार को हुई वार्ता में कई बिंदुओं पर सहमति बनी। कर्मचारियों को कैशलेस इलाज का मुद्दा भी प्रमुखता से तय हुआ संबंधित अधिकारियों को समयबद्ध तरीके से प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए गए।
सफाई कर्मियों को प्रमोशन का मुद्दा भी उठा। कहा गया कि पूर्व में इस बाबत निर्णय के बाद भी उसे अमल में नहीं लाया गया। वार्ता के दौरान अपर मुख्य सचिव, नियुक्ति एवं कार्मिक डॉ. देवेश चतुर्वेदी और राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की ओर से अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी व कार्यवाहक अध्यक्ष एनडी द्विवेदी भी मौजूद रहे।
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