फतेहाबाद। कोरोना के नए वेरिएंट का खतरा मंडरा रहा है। केंद्र और राज्य सरकार इसको लेकर एडवाइजरी भी जारी कर चुका है। महामारी को लेकर शिक्षा विभाग ने करीब ढ़ाई साल पहले प्राइमरी से लेकर सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को विद्यार्थियों का ऑक्सीजन स्तर जांचने के लिए ऑक्सोमीटर दिए थे जो आज भी डिब्बों में बंद है।। जिले में करीब 5000 ऑक्सीमीटर स्कूलों को अलॉट किए गए। लेकिन जानकर हैरानी होगी कि ये ऑक्सोमीटर स्कूलों में एक दिन भी प्रयोग में नहीं लिए गए न ही शिक्षकों को इस्तेमाल करना आता है।
जिले में स्कूलों में 20 विद्यार्थियों पर एक ऑक्सोमीटर दिया गया था। हालात ये है कि ये ऑक्सोमीटर स्कूलों की अलमारी में ही बंद होकर रह गए हैं। इसको लेकर पड़ताल की गई तो सामने आया कि विभाग जिन डिब्बों में ये ऑक्सोमीटर दिए थे उन्हें स्कूल इंचार्ज ने वैसे ही ले जाकर अलमारी में रख दिए। ढाई साल से ये स्कूलों की अलमारी में ही रखे हैं। स्कूल शिक्षकों का कहना है कि उन्हें ये तक नहीं पता है कि ये कैसे चलेंगे और कैसे प्रयोग में लेने हैं। जिला शिक्षा विभाग ने वर्ष 2021 में ऑक्सोमीटर स्कूलों को अलॉट किए थे। लेकिन स्कूलों ने ऑक्सोमीटर को चलाकर भी नहीं देखा है। ऑक्सोमीटर के साथ सेल दिए गए हैं। हालात ये है कि सेल तक डाउन हो चुके है लेकिन चेक करने की जहमत तक नहीं उठाई। संवाद