हमीरपुर, संवाददाता। बेसिक शिक्षा विभाग में स्थानांतरण नीति पर कोर्ट के आदेश की अनदेखी की जा रही है। सामान्य स्थानांतरण प्रक्रिया होने के बाद भी अभी तक पारस्परिक (म्यूचुअल) स्थानांतरण का पेंच फंसा हुआ है। विभाग की हीलाहवाली से नाराज होकर याचिकाकर्ता शिक्षक ने हाईकोर्ट में अवमानना की रिट दायर की है।
याचिकाकर्ता शिक्षक अनुराग तिवारी ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के अंतरजनपदीय सामान्य एवं पारस्परिक (म्यूचुअल) स्थानांतरण 2023-24 के लिए दो जून 2023 को शासनादेश जारी हुआ था। उल्लेख था कि दोनों प्रक्रियाएं समानांतर चलेंगी। सामान्य स्थानांतरण की प्रक्रिया को लगभग एक माह में पूरा किया गया और पारस्परिक स्थानांतरण की प्रक्रिया अभी भी लटकी है। प्रक्रिया के लिए आवेदकों द्वारा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन एवं पेयर बनाने की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है लेकिन सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के नौ जनवरी 2024 के आदेश में इस प्रक्रिया के तहत स्थानांतरण की कार्यवाही को अग्रिम आदेशों तक स्थगित कर दिया। शिक्षकों ने 11 से 14 जनवरी तक निशातगंज लखनऊ में स्थानांतरण के लिए महायाचना कार्यक्रम किया। जिसमें विभागीय अधिकारियों एवं मंत्रियों से गुहार लगाई किंतु शिक्षकों को मायूसी ही हाथ लगी। उन्होंने बताया कि शिक्षकों ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में निर्भय सिंह एंड अदर्स के नाम से पारस्परिक स्थानांतरण के लिए एक याचिका दाखिल की, जिसमें उच्च न्यायालय द्वारा 12 फरवरी 2024 को सत्र 2023-24 के अंत में स्थानांतरण करने का आदेश पारित किए। न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अंतर्गत इस प्रक्रिया के शिक्षक कई बार विभागीय अधिकारियों से मुलाकात कर स्थानांतरण के लिए अनुरोध कर चुके हैं, किंतु अभी तक शासन द्वारा कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया गया है।
याचिकाकर्ता शिक्षक ने बताया कि कोर्ट के आदेश का निर्धारित समय में पालन न हो पाने के कारण उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका दाखिल कर दी गई है, जिसकी सुनवाई अगले सप्ताह संभावित है। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया के पूर्ण न होने से पूरे प्रदेश में लगभग चार से पांच हजार शिक्षक प्रभावित है।