शिक्षक नेता ने कहा कि दशकों से गर्मी में विद्यालय का संचालन सुबह में 6.30 से 11.30 तक होता रहा है। लेकिन अब विभाग ने शिक्षकों को सुबह 5.45 में विद्यालय पहुंचने का फरमान जारी कर दिया है। यह न केवल विभाग का तानाशाही रवैया है बल्कि अव्यवहारिक भी है। इतना सुबह विद्यालय में बुला कर डेढ़ बजे चिलचिलाती धूप में छुट्टी की जा रही है। यह शिक्षकों के साथ-साथ बच्चों के स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ है। विभाग के
इस आदेश से शिक्षकों की परेशानी बढ़ गई है। काम के दबाव व अनियमित भोजन से न केवल शिक्षक बीमार हो रहे बल्कि आए दिन दुर्घटना के भी शिकार हो रहे हैं। इसे देखते हुए बिहार प्राथमिक शिक्षक संघ ने आंदोलन का मूड बना लिया है। जिसकी शुरुआत काली पट्टी लगा सांकेतिक विरोध से शुरू की गई है। यदि विभाग अब भी अपनी हठधर्मिता नहीं छोड़ता है तो आगे चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा।