महंगाई ज्यादा, निचले स्लैब के लोगों को आयकर में मिले राहत
नई दिल्ली। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के नए अध्यक्ष संजीव पुरी का मानना है कि जुलाई में पेश होने वाले पूर्ण बजट में निचले स्लैब के लोगों को आयकर में राहत मिलनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि महंगाई अब भी उच्च स्तर पर है। सब्जियों और विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के कारण मई में थोक महंगाई लगातार तीसरे महीने बढ़कर 15 महीने के उच्च स्तर 2.61 फीसदी पर पहुंच गई। अच्छे मानसून की उम्मीद के कारण इस वर्ष खुदरा महंगाई की दर 4.5 फीसदी के आसपास रहने की उम्मीद है।
पुरानी व्यवस्था में कर छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये तक की आय पर लागू होती है। नई व्यवस्था में यह 3 लाख रुपये तक की आय पर है। पुरी ने कहा, हमारा सुझाव है कि कर के मोर्चे पर सरलीकरण की प्रक्रिया जारी रहनी चाहिए। स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) और दरों की बहुलता में कुछ परिचालन कठिनाइयां हैं। इनका सरलीकरण जरूरी है। पुरी ने कहा, सीमा शुल्क के मोर्चे पर हमें त्रिस्तरीय संरचना की ओर बढ़ना चाहिए। सबसे निचले स्तर पर प्राथमिक, बीच में मध्यवर्ती और फिर तैयार माल एवं कुछ समय की अवधि में अपवादों के साथ मध्यम दरें होनी चाहिए। एजेंसीपुरी ने कहा, गठबंधन राजनीति की मजबूरियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में सुधारों में बाधक नहीं बनेंगी। भूमि, श्रम, बिजली और कृषि से संबंधित सभी सुधारों को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने के लिहाज से केंद्र और राज्यों के बीच आम सहमति के लिए एक संस्थागत मंच बनाने पर विचार करना चाहिए।