सिसवन, एक संवाददाता। स्कूलों में शिक्षा के गुणवत्ता में सुधार, बच्चों का विधालय में ठहराव लाने के लिए विभाग का अभियान लगातार जारी है। स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को शुद्ध पेयजल मिले इसको लेकर के प्रखंड के सरकारी स्कूलों में सबमर्सिबल पंप लगाने का कार्य शुरू हुआ। प्रखंड क्षेत्र में अमूमन 106 विद्यालय हैं। लेकिन इनमें से महज 47 विद्यालयों में ही सबमर्सिबल बोरिंग का कार्य हुआ है।
विभागीय निर्देश पर लगाए जा
रहे सबमर्सिबल पंप के जरिए सुगमता से शौचालय व अन्य कार्यों में पानी की कमी नहीं हो सके कार्य किए गए हैं। पंड़ताल के दौरान यह बात सामने आई कि स्कूलों में पानी की टंकी बैठाकर हैंड वॉश स्टेशन का भी निर्माण किया जाना है। हैंड वॉश स्टेशन में आधा दर्जन से अधिक नल जेड आकार में लगाए जाने हैं ताकि स्कूली छोटे बड़े बच्चों को पीने के लिए शुद्ध पेयजल के साथ हाथ धोने व शौचालय के उपयोग में परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। प्रखंड क्षेत्र में जिले से चयनित आधा दर्जन भेंडर में से एक भेंडर का चुनाव प्रधानाध्यापकों ने किया है। प्रधानाध्यापक अपने पसंदीदा एजेंसी के माध्यम से सबमर्सिबल पंप लगवाया है। सबमर्सिबल का कार्य अमुमन पुरा है, लेकिन कुछ जगहों कर अधूरे कार्य भी पूरा कराने है।
प्रखंड क्षेत्र में तीन भेंडरो ने काम किया है। जिसमें गोपालगंज के आलोक कुमार ने छह, रघुनाथपुर के संतोष कुमार ने 10 व सारण जिले के मिथिलेश भारती ने 26 विद्यालय में समरसेबल बोरिंग का कार्य किया है। अभी भी कुछ स्कूलों में सबमर्सिबल का कार्य किया जाना है। उत्क्रमित मध्य विद्यालय चांदपुर के प्रधान शिक्षक इन्द्रजीत ने बताया कि हमारे यहां काम बेहतर हुआ है। जैसे बताया गया था उसी अनुरूप में कार्य हुए हैं। समरसेबल बोरिंग
के अलावा पानी टंकी यहां तक की शौचालय में भी नलका दिया गया है। मध्य विद्यालय बड़की मठिया के प्रभारी अमित मिश्रा ने कहा कि हमारे यहां समरसेबल बोरिंग का कार्य हो चुका है। सोख्ता बनाने व अन्य काम करने के लिए मटेरियल आया हुआ है। लेकिन काम अभी पूरा नहीं हो सका।

