पटना, मुसं। एससीईआरटी ने मंगलवार को परियोजनाआधारित शिक्षण (प्रोजेक्ट बेस्ड) की शुरुआत की। इसे स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2024-25 से लागू कर दिया गया है। राज्य के सरकारी स्कूल की कक्षा छठीं से आठवीं तक के 60 लाख बच्चे अब गणित और विज्ञान की प्रोजेक्ट बेस्ड (परियोजना आधारित शिक्षण) पढ़ाई करेंगे।
अब पुरानी पद्धति से स्कूलों में पढ़ाई नहीं होगी। बता दें कि 'नई शिक्षा नीति 2020' के तहत अब परियोजना आधारित पढ़ाई होनी है। ऐसे में एससीईआरटी भी सरकारी स्कूल के कक्षा वार विषयों में बदलाव कर रहा है। परियोजना आधारित पढ़ाई से शिक्षण सुगम हो जाएगा और छात्रों को अधिक समझ में आएगा। उद्घाटन एससीईआरटी के निदेशक सज्जन
आर, संयुक्त निदेशक डॉ. रश्मि प्रभा ने मंगलवार को की। मौके पर सभी जिले के कार्यक्रम पदाधिकारी, जिला शिक्षा शिक्षक समन्वयक, जिला शिक्षा पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, प्रखंड साधनसेवी के साथ ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में 25 हजार से अधिक पदाधिकारी और शिक्षक शामिल हुए। कक्षा छठीं से आठवीं तक विज्ञान और गणित की पढ़ाई अब सहज और सुगम हो जाएगी। इन कक्षाओं के गणित और विज्ञान के अनुरूप परियोजना तैयार की गई है। प्रत्येक माह गणित और विज्ञान के पाठ्यपुस्तकों में से कक्षा छठीं से आठवीं के लिए एक-एक माइक्रो प्रोजेक्ट दीक्षा एप पर अपलोड किया जाएगा, ताकि राज्य के हर विद्यालय
तक पहुंचे। प्रत्येक परियोजना के तहत पांच दिनों की गतिविधियां तैयार की गई है। यह सारी गतिविधियां पाठ पुस्तकों पर आधारित होगी
क्या है परियोजना आधारित शिक्षणः परियोजना आधारित शिक्षण एक विधि है, जहां छात्र वास्तविक दुनिया और व्यक्तिगत रूप से महत्वपूर्ण और सार्थक परियोजनाओं में शामिल होकर सीखते हैं। दिलचस्प और जटिल सवालों के जवाब देते हैं या पूछताछ, जांच व आलोचनात्मक सोच के जरिये एक समस्या को हल करते हैं। बच्चों को इससे फायदा होगा।