गया जिले में इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम पर बच्चों की फर्जी उपस्थिति दर्ज कर एमडीएम के चावल व पैसों का गबन हो रहा है। जांच के बाद इस योजना में अनियमितता बरतने वाले दो हेडमास्टर को सस्पेंड कर दिया है और तीन के विरूद्ध राशि वसूली के निर्देश दिए गए हैं। कमांड एंड कंट्रोल सेंटर पटना को गया जिले के विद्यालयों में एमडीएम में अनियमितता बरते जाने की मिली शिकायत पर जांच कराई गई। उसके बाद ये कार्रवाई हुई।
टिकारी प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय घंघैला और कोंच प्रखंड के प्रा.वि. डिहुरी के हेडमास्टर ने इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम में इंट्री कराई कि 20 जून उनके स्कूल में 146 बच्चों ने भोजन किए हैं। लेकिन जब इसकी जांच हुई तो पता चला कि उस तिथि को विद्यालय में भोजन बनाया ही नहीं गया था। उसके बाद दो हेडमास्टरों को सस्पेंड कर दिया है। और तीन से राशि वसूली के निर्देश दिए गए हैं। घंघैला के एचएम ने आईवीआरएस में उस तिथि को
लाभान्वित बच्चों की संख्या 50 और डिहुरी से
96 दर्ज कराई गई थी।
जांच रिपोर्ट के आधार पर दोनों हेडमास्टरों को 67 हजार 250 रुपए एमडीएम गया के अकाउंट में जमा करने का निर्देश दिया गया है। इसी तरह मध्य विद्यालय कुशा, शेरघाटी ने भी पोर्टल पर 160 बच्चों की उपस्थिति की गलत सूचना दी।
चावल कम दिया और सब्जी में मिला दिया अधिक पानी
गुरुआ प्रखंड के मिडिल स्कूल गौशपुर के विरूद्ध मिली शिकायत के आलोक में जांच की गई। इस दौरान बच्चों ने कहा कि मध्याह्न भोजन में चावल कम दिया गया और सब्जी में अधिक पानी मिला दिया। साथ ही विद्यालय में एमडीएम का रजिस्टर भी नहीं मिला। इस संबंध में प्रभारी हेडमास्टर ने स्पष्टीकरण का जवाब देना भी उचित नहीं समझा। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी पीएम पोषण योजना ने प्रभारी हेडमास्टर के विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा
डीपीओ स्थापना से की है। टनकुप्पा प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय नौआखाप में किचन शेड की मरम्मत होने के चलते यहां नौ से दस दिनों तक एमडीएम का संचालन नहीं किया गया। लेकिन विभिन्न तिथियों को आईवीआरएस में 18 जुलाई को भोजन करने वाले बच्चों की संख्या 59, 16 को 49, 15 को 56, 13 को 59, 12 को 72, 11 को 63, दस को 67, नौ को 67, आठ को 44 और छह जुलाई को 57 लाभान्वित छात्रों की उपस्थित दर्ज कराई गई।

