सरकार स्कूलों को संसाधन उपलब्ध कराने की दिशा में बेहतर कार्य करने का दावा करती है। उत्क्रमित हाईस्कूल खबड़ा को देखकर ऐसा नहीं लगता है। यह उन स्कूलों की श्रेणी में है जिसको केवल उत्क्रमित किया गया, संसाधन नहीं बढ़ाए गए। मुशहरी प्रखंड के उत्क्रमित हाईस्कूल खबड़ा के पास भवन नहीं है। तीन कमरों में कक्षा एक से 12वीं तक की पढ़ाई होती है।
एक कमरा और बरामदा, वह भी जर्जर भवन के नाम पर एक कमरा और बरामदा है, वह भी जर्जर। पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को पढ़ाने की जगह नहीं है। संयुक्त कक्षाएं चलती हैं। 2013 में संसाधन विहीन मुशहरी प्रखंड के मध्य विद्यालय खबड़ा को हाईस्कूल में उत्क्रमित कर दिया गया। जिले में स्थलीय जांच के बिना ही उत्क्रमित
करने का खेल कैसे चला, यह उसका उदाहरण है। जहां आठवीं कक्षा तक के बच्चों को बैठाने की जगह नहीं, वहीं नौवीं व 10वीं की पढ़ाई कैसे होगी?
जमीन पर बैठकर पढ़ते बच्चे मध्य विद्यालय के बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ते हैं। उनके लिए डेस्क-बेंच नहीं है। संयुक्त कक्षाएं चलती हैं। यहां नामांकित बच्चों की संख्या 300 से अधिक है। वहीं शिक्षकों की संख्या नौ। स्कूल के प्रधानाध्यापक जितेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि संयुक्त कक्षाएं चलाना बहुत कठिन है। दिन के 11 बजे के बाद बरामदा पर धूप आ जाती है। बच्चे और शिक्षक परेशान हो जाते हैं। शौचालय की स्थिति भी जर्जर है।