शिक्षक नेता दिनेश शर्मा व समर्थकों का कथन
18 जुलाई 2024 के सृष्टि जागरण समाचार पत्र में हमने डिजिटल हाजरी के विरोध में चलाए गए आंदोलन पर हुए समझौते पर अनेक शिक्षकों के नाम उनके बयान प्रकाशित किये थे। जिनमें शिक्षक नेता दिनेश चंद शर्मा पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। एक शिक्षक ने तवायफों के कोठे वाली मिशाल भी दी थी, जो आज की खबर का हैडिंग किसी ने उन्हें गद्दार भी बताया था। इस खबर के प्रकाशित होने पर खुद दिनेश शर्मा ने मुझे फोन करके एतराज किया और कहा कि आप 100-200 वाले पत्रकार हो। वहीं उनके संगठन के शिक्षक राजेश शुक्ला,कृष्णानंद राय, नीरज कुमार, प्रेम सिंह चौहान, रमाकांत उपाध्याय, ऋषि, त्रिपाठी, विकास कुमार, शुभेन्द्र प्रताप सिंह, उदय नारायण यादव, अनिल कुमार पांडेय, सुधाकर लाल यादव, राकेश शर्मा, अतुल आशुतोष त्रिपाठी, नीरज चौधरी, आनंद मिश्रा, नीरज शर्मा, आनंद सिंह, अवधेश श्रीवास्तव, देवेंद्र श्रीवास्तव, नवीन पांडेय, शशांक शुक्ला, विकास सिंह, विद्या सागर मित्रा, मुनीश शर्मा, अक्षत पांडेय आदि ने खबर में लगाये गए कहा है समझौता समाधान समाधान शिक्षक हम सब रीढ़ है। इज्जत की छतरी चौहान चक्रवर्ती सिंह, गजेंद्र वर्मा, चरन सिंह,
आरोपों को गलत बताया है और कि शिक्षकों के हक में हुआ सम्मानजनक है। युद्ध से नहीं निकलता। बातचीत से ही निकलता है। दिनेश शर्मा किसी का अहित नहीं होने देंगे और उनके साथ है। वे शिक्षकों की उनके प्रयासों से शिक्षकों की बची है। दिनेश शर्मा को शिक्षकों , आन, बान, शान भी बताया गया है। यह भी कहा गया है कि उन्हीं के प्रयास से कोरोना काल में ड्यूटी के दौरान मरे शिक्षकों के आश्रितों को 30 30 लाख रुपये मिले थे। वे हम सब शिक्षकों के मसीहा है और रहेंगे। यद्यपि अनेक शिक्षकों ने मुझे गालियां भी दी है अच्छा बुरा भी लिखा है लेकिन मैं गुरुओं का बहुत सम्मान करता हूँ उनके आंदोलन में 10 दिन लगातार उनके साथ खड़ा रहा हूँ.

