....धान रोपे गइल बाने हमार बाबू, अभईन नाहीं जइहे स्कूले.. परिषदीय विद्यालयों में बच्चों का पड़ रह्म टोटा, पर-घर फेरा लगा रहे ग़ुरुजन
संदेश वाहक, पडनैना, कुशीनगर। धान रोपे गइला वाने हमार बाबू, अभाईन नाहीं जइहे स्कूले। उचका वाला खेते में अब सोहनियों भी शुरू होवे वाला बाटे। रोपनी अउर सौहनी के काम 20 दिन में खतम हो जाई तव बचवा लोग स्कूले में पढ़े जइहें.. ऐसे पीड़ादायी शब्द परिषदीय विद्यालयों के गुरूजनों को हर रोज सुनने को मिल रहे हैं। कोई और नहीं सुना रहा, बल्कि सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने के बाद विद्यालय से लगातार अनुपस्थित होने वाली बच्चों के माता-पिता और अभिभावक जनसंपर्क के दौरान शिक्षकों को सुना रहे हैं।
शिक्षा विकास की रीढ़ मानी जाती है। वच्चे शिक्षित होकर देश के अच्छे नागरिक बने, निशुल्क शिक्षा के लिए हर गांव में सरकारी स्कूल भी संचालित हो रहे है। इन स्कूलों में उच्च शिक्षित व प्रशिक्षित गुरूजनों को तैनाती भी है, लेकिन स्कूला में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या निरंतर घट रही है। यह चिंता का विषय है। इसके प्रत्ति न तो विभाग के अफसर गंभीर हैं न ही शासन में उच्च पदों पर बैठे जिम्मेदार ही। ही कोर कसर गांव-गाँव, हर तिराहे व चैराहे पर कौर मान्यता के संचालित हो रहे निजी विद्यालय के संचालक पूरा कर दे रहे हैं। सरकारी स्कूलों में नामांकित बच्चों को अपने विद्यालय में तरह-तरह के प्रलोभन देकर नामांकन करने वाली विद्यालय संचालक सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे हैं। इन्हें न तो विभाग के आला अफसरों का खौफ है न ही शासन स्तर से होने वाली किसी कार्रवाई का ही। फर्जी बुनियाद पर खड़े गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय सरकारी स्कूलों की नींव खोद रहे हैं।
क्या है शिक्षकों की पीड़ा
सरकारी स्कूलों में नामांकन के सापेक्ष अधिक से अधिक बच्चों की उपस्थिति पर विभागीय जोर है। विद्यालयों में बच्चों की उपस्थित की नियमित जांच पड़ताल के लिए 5 जुलाई से 31 जुलाई तक शोड्यूल जारी किया गया है। बच्चों की उपस्थिति चिंताजनक होनी से स्कूलों के शिक्षक परेशान व हैरान है। गांव में घर-घर जाकर माता-पिता व अभिभावकों से बच्चों के स्कूल न जाने का शिक्षकों द्वारा कारण पूछने पर अभिभावक एक तो सीधे मुह बात नहीं कर रहे दूसरे उलूल-जुलूल जयाय भी दे रहे है। अधिकांशा तो खेल में रोपाई कार्य, निराई कार्य का बहाना बनाकर 20 दिन की मोहलत मांग रहे हैं। दूसरी ओर तमाम ऐसे बच्चे हैं जिनका नामांकन परिषदीय विद्यालयों के आसपस संचालित गैर मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में हो जाने से बच्चे सरकारी स्कूलों में जाना बंद कर चुके हैं।
जांच कर होगी कड़ी कार्रवाई: बीएसए
कुशीनगर के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. राम जियावन मौर्य ने कहा कि जनपद में गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों के संचालन की शिकायतें मिल रही हैं। ऐसे विद्यालयों की जांच कर कड़ी कार्रवाई करने के लिए सभी विकास खंडों में टीम ठित कर दी गयी है। जांच टीम की रिपोर्ट आने पर ऐसे विद्यालय के संचालकों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी।

