उत्तर प्रदेश की महानिदेशक कंचन वर्मा द्वारा जारी किए गए डिजिटल हासी रूपी मौत के वारंट की भेंट भले ही तीन अध्यापक चढ़ गए हो, भले ही वे अपनी जिद पर अडिग ही लेकिन इतिहास में पहली बार पूरा शिक्षा जगतएकसाथ खड़ा है। उससे का परिणाम है कि नाले के पानी की तख से शुरू हुआ यह विरोध तीसरे दिन ही समुन्द्र की तरह से विकराल रूप ले चुका है और शिक्षक यह कहते हुए गर्व से सीना चौड़ा कर रहे हैं कि अभी तो यह अंगड़ाई है आगे और लड़ाई है। शिक्षकों के इस तुफान ने सरकार को नींद उड़ा दी है और सरकार यह सोचने पर विवश हो गयी है कि आखिर 6 लाख शिक्षकों में से केवल 5 ही जयचंद निकले। जी जिसीने पहले दिन डिजिटल हाजरी लगाई। बाकी के 5 लाख 99 हजार 992 राम को सेना अर्थात डिजिटल विरोध सेना में शामिल हो गए हैं। उधर शिक्षकों के उत्पीडन के विरोध में आज के सांगों ने भी मुख्ामंत्री की ट्वीट करके नसीहत है। आज पूरे प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षक महासंघ के बैनर तले लाखों अध्यापकों ने जिलाधिकारियों के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया और एकजुटता की भीड़ से सरकार के पैरों तले की जमीन खिसकाने का संकेत दे दिया। शिक्षकों ने स्पष्ट कह दिया है कि या तो सरकार लाखों पीडित अध्यापकों का साथ दे या तुगलकी फरमान देने जाली अकेली डीजी का तमाम विसंगतियों एवं अध्यावहारिक समय चाध्यता को लेकर हो रहे प्रदेश व्मापी विरोध के बीच सूबे में पहली बार शिक्षकों के ऊपर जबरन अमानवीय आदेश बोपे जाने के विरुद्ध सभी मान्यता प्राप्त शिक्षक संगठनों ने एकसुर में ऑनलाइन उपस्थित बहिष्कार का एलान किया है। यह तुगलकी फरमान आज पहले दिन ही धड़ाम हो गया। सिर्फ अजयचंदों को लोड़कर डिजिटल अटेंडेंस को लेकर बेसिक शिक्षा परिषद के राज्य के सभी स्कूलों में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। लगभग 6 लाख शिक्षकों ने स्कूलों में अपनी डिजिटल हाजिरी ही नहीं लगाई और आम दिनों को तरह ही रजिस्टर पर ही हस्ताक्षर किया। शिक्षकों ने अपना विरोध जताते हुए अपने हाथों में काली पट्टी बांधी और इसके चाद ही शिक्षण कार्य किया। कई जगहों
पर शिक्षकों ने हाथ पर काली पट्टी बांधकर काम किया तो कहीं पर शैक्षणिक कार्य रोककर विरोध प्रदर्शन किया। बेसिक विधालग उतरावां मोहनलालगंज में भी डिजिटल हाजिरी का विरोध किया गया। जिला अध्यक्ष डॉ प्रभचा कान्त मिश्रा ने परिषदीय विद्यालयों में डिजिटल अटेंडेंस को लेकर विरोध किया। सरकार ने जल्दबाजों में इस डिजिटल अटेंडेंस को लागू कर दिया, लेकिन समस्या अभी जैसों को वैसी जनी हुई है। शिक्षकों का कहना है कि 7.45 बजे से 8.00 बजे तक ही डिजिटल अटेंडेंस मशीन खुलती है पर अगर कोई शिक्षक एक मिनट भी लेट हो जाए ती का बंद हो जाती है। यह शिक्षकों के साथ बहुत ही अल्लाकाहारिक तरीका है। गढ़ी जिन्दौर के प्राथमिक विद्यालय, उन्नाव, बरेली, लखनऊ भतोड़ना सहित कई
विद्यालयों में डिजिटल अटेंडेंस का विरोध किया गया हरदोई, सोलापुर, रायबरेली, अयोध्या, सुल्तानपुर, गौरखपुर, मुरादाचाद, बुलंदशहर अमरोहा, सांचा असूड, रामपुर, कानपुर, अलीयह प्राधरम, बिजनौर, महारनपुर, मेरठ, गाजियाबाद, चौडा, अम्बेडकरनगर बालामऊ सिद्धार्थनगर मुजफ्फरनगर हामारी, बागपत कैनपुरी सहित राज्य के सभी जिलामुख्यालय पर आज लांखी शिक्षकों ने विरोध किया और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। राष्ट्रीय शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष अजीत सिंह का कहना है कि माहानिदेशक को जिद छोड़कर पहले समस्याओं का समाधान कराना चाहिए। शामलों के जिलाध्यक्ष नितिन पंचार, मुजफ्फरनगर के अरविंद मलिक, संभाल के राष्ट्रीय शैक्षिक महामंच जिला संयोजक विकास यादव, जिलासमा संयोजक सुभाषचंद्र, असमोली ब्लॉक-संयोजक सन्देश चौधरी, सह-संयोजक मनीष बेनीवाल, के पी यादव नवीन शर्मा, कामेश्वर प्रसाद, गुन्नौर ब्लाक-संगोजक प्रति समों, बनिगाखेड़ा ब्लॉक संयोजक पूनम सिंह, भावना सिंह सह-संयोजक, विश्खल लागी, आशद, आशीष चौहान, रमेश चंद्र मिश्र, हिमांशु कुचहल, इंद्रजीत कश्यप, अमित कुमार, डॉ राहुल कुशवाहा, समीर चौधरी, अखलाक अहमद, आशीष मलिक आदि ने कहा है कि प्रदेश का शिक्षक किसी भी हाल में नहीं झुकेगा। नही का डिजिटल हाजरी लगाएगा। इस बीच विद्यालर समय पर पहुंचने को में आन
महायक अध्यापक अंजू कुमारी अपने पति सहायक अध्यापक जगवीर सिंह के साथ स्कूटी पर सवार होकर विद्यालय जा रहे थे कि नरहोली पुल के पास ट्रक ने टक्कर मार दी जिसमें दोनों सहायक अध्यापक पति- पनी को रटी गई। वे दुखद मौत दिन पूर्व भी बोली के पास एक अध्यापक की भेंट डीजिटल हाजरी आदेश ले चुका है। इस तुगलकी फरमान की पौड़ा की गलत बताते हुए घौसी के सांसद राजीव राय ने मुख्यमंत्री को ट्वीट किया कि आपके अधिकारी मोटे कमीशन के लिए अनावाचक साफ्टवेयर और मोबाइल ऐप को सैकड़ों करोड़ में खरीद कर बेसिक शिक्षा परिषद और बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। शिक्षकों को पढ़ाई के अलावा अन्य कार्य करने पर मजदूर करते हैं, दिनभर मोवाइल फोन के ऐप में व्यस्त रखते हैं। आप पता करिएगा कि जितने में ने साफ्टवेयर और ऐप खरीदे गाए हैं उतने पैसे में मोऽस्कूलों में फर्नीचर, कम्प्यूटर, लेब, जो सहित अना एक्सपर्ट टीचर रख के बच्चों को प्राइवेट स्कूलों से ज्यादा अच्छ शिक्षा दे सकते हैं। और हा इन अधिकारियों को चोलिये कि पहले सभी घूसखोर विभागों में सबके लिए ऑनलाइन उपस्थित अनिवार्य करें, उसके बाद बारिश के मौसम में सुदूर गांवों में पढ़ाने वाले शिक्षकों पर लागू करें। दूसरे सांसद श्रवस्ती के चौधरी राम शिरोमणि चर्मा मुख्यमंत्री गोगी आदित्यनाथ को लिखते हैं कि जायज मांगी का संज्ञान लेकर उनका
समुचित निराकरण करें। इस समय बाद जल भराव की समस्या है, अधिकांश शिक्षक समय से स्कूल नहीं पहुंच सकते। वैसे भी सड़क व पुलों को स्थिति इतनी अच्छी नहीं है। और दुरवर्ती क्षेत्रों में नेटवर्क करेक्टिविटी की भी समरगा है। इसलिए आप खुद संज्ञान लीजिये। कठीस के अजम कुमार लाल ने भी मुख्यमंत्री को ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि योगी सरकार के पाथ चदलाव को लेकर कोई नीति नहीं है शलजुलूल नियम कोपकर प्राइमरी के अध्यापकों के वर माथे कुच्छ भी लाद देना इनकी फितरत हो गई है। अध्यापकों को बाबू बना दिया गया है। सरकार बताए कि प्रदेशभर में जो स्कूल पानी में डूबे है, जहाँ सड़के नहीं है, स्कूल जर्जी है। वहा कैसे कोई अध्यापक अपनी ऑनलाइन हाजरी देगा। और कथित ऑनलाइन साजरी से क्या बदलेगा? स्कूलों में आज भी बेंच नहीं है, बच्चे दरी पर बैठते हैं, इसको बदलने के लिए कोई रोडमेप नही है। शिक्षा विभाग लुटपाट का माहिर गिरोह बन गया है, सिर्फ लूट के नियम तय होते हैं। मुख्यमंत्री सहाच नीट से दागिये।
शिक्षक संघों का यह तूफान चमने कर नाम नहीं ले रहा है ।। 1 जुलाई को उत्तर प्रदेश प्रार्थमिक शिक्षक संघ से 15 को उत्तर प्रदेश जूनियर ह स्कूल शिक्षक संघ विरोध प्रदर्शन करेगा और ज्ञापर देगा। 22 से महानिदेशक कार्यालय पर ऑनधितकालीन चरना दिया जाएगा।