गढ़ा, एक संवाददाता। केंद्र व राज्य सरकार शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। सर्वशिक्षा अभियान के तहत जंगलों के भवन और चारदीवारी के निर्माण पर करोड़ों रुपए खर्च भी किए जा रहे हैं, वहीं कई जंगलों के खंडहर भवन सरकार के अवशेषों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। स्थिति यह है कि कई स्कूलों में छात्रों को एक ही कमरे में भेड़-बकरियों की तरह पढ़ने के लिए मजबूर किया जाता है। मिडिल स्कूल महम्मदपुर स्कूल में भवन का निर्माण नहीं होने से छात्र-छात्राओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
कुल आठ में से दो कमरे छात्रावास हैं। भवन की कमी के कारण एक कमरे में तीन छात्रावासों का संचालन होता है। वहीं कक्षा पांच का ऑपरेशन बरामद किया गया है। बूटे के दिनों में काफी परेशानी होती है। हालाँकि शिक्षा विभाग की नज़रों में चार शिलालेखों के भवन ही खंडहर हैं। इनमें से प्राइमरी स्कूल गड़खा हिंदी, प्राइमरी स्कूल वाजितपुर, प्राइमरी स्कूल हसनपुरा और प्राइमरी स्कूल केवानी कन्या शामिल हैं @pky