बिहारशरीफ, हिन्दुस्तान संवाददाता। जिले में विभागीय नियम को ताक पर रखकर बेंच- डेस्क आपूर्ति मामला थमने के बजाय तूल पकड़ लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नालंदा जिले के प्रभारी सचिव अनुपम कुमार को मामले की जांच कराने का आदेश दिया है। अस्थावां विधायक डॉ. जितेन्द्र कुमार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आवेदन देकर डीईओ राजकुमार व तत्कालीन स्थापना डीपीओ सुजीत कुमार राउत द्वारा नियमों का उल्लंघन करने व बिहार वित्तीय नियमावली के नियमों की अवहेलना करने का आरोप लगाया है। जिले के सरकारी स्कूलों में बेंच- डेस्क क्रय करने में बरती गयी वित्तीय अनियमितता व भ्रष्टाचार की जांच का आदेश
देने का अनुरोध किया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आवेदन देने के पहले विधायक डॉ. जितेन्द्र कुमार ने बिहार विधानसभा में मामला उठा चुके हैं। विधायक ने बताया कि रहुई प्रखंड के एक स्कूल में बेंच-डेस्क टूटने की खबर 'हिन्दुस्तान' अखबार में प्रकाशित की गयी थी। हिन्दुस्तान अखबार में छपी खबर को गंभीरता से लेते
हुए विधानसभा में आवाज उठायी गयी है। क्षेत्र भ्रमण के दौरान भी कई लोगों ने खराब गुणवत्ता की बेंच डेस्क आपूर्ति होने की शिकायत की थी। विधायक ने बताया कि नालंदा जिले में बड़ी पैमाने पर बेंच डेस्क
आपूर्ति में गड़बड़ियां की गयी हैं। इससे पहले हरदेव भवन में जिलास्तरीय बैठक में भी डीएम शशांक शुभंकर व डीडीसी वैभव श्रीवास्तव से उपस्कर की आपूर्ति में गड़बड़ी की शिकायत की गयी थी। जिले के प्रभारी
मंत्री विजय कुमार चौधरी ने डीएम को जांच कराने का आदेश दिया था। हालांकि, डीईओ राजकुमार ने बताया कि मामले की जांच करायी जा रही है। अगर गड़बड़ी हुई होगी, तो दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा
बदली गयी 800 बेंच-डेस्क
स्कूलों में आपूर्ति कराएं गए करीब आठ सौ खराब गूणवत्ता की बेंच डेस्क बदले जाने की भी खूब चर्चा हो रही है। लोग सवाल कर रहे है कि आपूर्तिकर्ता ने आखिर खराब गूणवत्ता की बेंच डेस्क आपूर्ति करने की क्या जरूरत पड़ गयी। खराब गूणवत्ता की वजह से ही कई स्कूलों में बेंच डेस्क टूटने की शिकायत जगजाहिर है। विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि बेंच डेस्क की आपूर्ति में स्थापना शाखा से ही खेल खेला गया है। डीईओ के बेंच-डेस्क की गुणवत्ता की जांच करने का शख्त आदेश के बावजूद, जांच कर्मी ने भी बेंच डेस्क की गुणवत्ता की जांच की खानापूर्ति किया है। सही से बेंच डेस्क की जांच होगी तो खराब गुणवत्ता की बेंच- डेस्क की संख्या हजारों में हो सकती है।