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Thursday, August 1, 2024

Bihar teachers news: बरामदे में पढ़ाई को मजबूर हैं स्कूली छात्र

 छपरा, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। जिले के सौ से अधिक प्राइमरी, मिडिल, हाई स्कूलों के भवन सिर्फ मरम्मत के अभाव में बेकार पड़े हैं। कमरों के अभाव में स्कूलों में संयुक्त क्लास व बरामदे में ही पढ़ाई की जाती है। शिक्षा विभाग के भवन निर्माण विभाग को कई बार पत्राचार भी किया गया लेकिन इस दिशा में कोई खास पहल शुरू नहीं हुई। मालूम हो कि केंद्र व राज्य सरकारें शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं।



सर्वशिक्षा अभियान के तहत स्कूलों के भवन और चहारदीवारी निर्माण के लिए लाखों रुपए खर्च भी किए जा रहे हैं, वहीं जिले के दर्जन भर स्कूलों के जर्जर भवन सरकार के दावों को मुंह चिढ़ा रहे हैं। स्थिति यह है कि कई स्कूलों में छात्र एक ही कमरे में भेड़-बकरियों की तरह बैठ कर पढ़ाई करने को मजबूर हैं। इससे छात्र-छात्राओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई अभिभावक बीमार पड़ने के डर से बच्चों को स्कूल भेजने से कतराते हैं। बरसात के दिनों में काफी परेशानी होती है।


परसा के कई विद्यालय के भवन व


कमरों की स्थिति जर्जरः परसा, एक


संवाददाता। प्रखंड के करीब एक


दर्जन विद्यालयों में कहीं ज्यादा तो कहीं आंशिक रूप से भवनों व कमरों की स्थिति जर्जर है।


कहीं-कहीं तो जर्जर कमरे ध्वस्त हो गए हैं व कूड़ादान बना हुआ है। प्रखंड अंतर्गत 142 विद्यालयों में करीब एक दर्जन ऐसे विद्यालय भी हैं जहां भवन के कमरों की स्थिति जर्जर है तो कहीं कहीं धराशायी हो चुके हैं, जिस कारण बच्चों को वर्ग कक्ष में बैठने में काफी परेशानियां होती हैं। परसा बाजार के मुख्य चौक स्थित आदर्श राजकीय मध्य विद्यालय परसा का भवन वर्षों से पुराना है। अंग्रेजों के जमाने का निर्मित यह भवन अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। भवन की छत पर कई झाड़ व पौधे उग गए हैं। कई बार भी


विभागीय पत्राचार के बावजूद भी अभी तक भवन निर्माण विभाग की नींद नहीं खुली व इसकी रिपेयरिंग नहीं कराई गई जिसका खमियाजा विद्यालय प्रधान, बच्चों व शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है। आदर्श राजकीय मध्य विद्यालय के एच एम बिपिन बिहारी यादव ने बताया कि नामांकित बच्चों की संख्या 987 है उन्हें 10 कमरों में बैठाकर वर्ग कक्षाएं चलाई जाती है। मिडिल स्कूल परसौना के भवन के तीन कमरे ध्वस्त हो गए हैं जहां अभी 10 कमरे में 625 बच्चों की कक्षाएं लगाई जाती हैं। विद्यालय प्रधान हरिशंकर राय ने बताया कि वर्ग 6 के बच्चों के आने के बाद कक्षाएं बरामदे में भी चलानी पड़ती है। यूएमएस पचलख डीह में भी विद्यालय के कमरें जर्जर होकर तीन कमरें ध्वस्त हो गए। वहां लगने वाले हाट बाजार के लिए वह कूड़ादन सा बना है। वहीं प्राथमिक विद्यालय (उर्दू) सैदपुर विद्यालय का


भवन भी काफी जर्जर है। बीईओ युगल किशोर सिंह ने बताया कि जर्जर भवनों की स्थिति को लेकर विभागीय इंजीनियर इसकी रिपोर्ट भी ले गए लेकिन अभी तक जर्जर भवनों की रिपेयरिंग को लेकर कोई विभागीय आदेश नहीं आया जिस कारण विद्यालय प्रधान या भवन निर्माण विभाग इस जर्जर कमरों की मरम्मत करा सके।

Bihar teachers news: बरामदे में पढ़ाई को मजबूर हैं स्कूली छात्र Rating: 4.5 Diposkan Oleh: Updatemarts

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