Primary Ka Master Latest Updates👇

Thursday, August 1, 2024

Bihar teachers news:तीन जर्जर कमरों और बरामदे में पढ़ने को मजबूर हैंखामिदौरा मध्य विद्यालय के बच्चे

 दुर्गावती, एक संवाददाता। प्रखंड के खामिदौरा मध्य विद्यालय के सभी तीन कमरे बदहाल अवस्था में हैं। इसकी बदहाली का आलम यह है कि इसकी छत व दीवार के प्लास्टर का सीमेंट झड़कर गिर रहा है। इन तीनों कमरों का निर्माण विद्यालय की स्थापना काल में हुआ था।



उसके बाद से यहां अतिरिक्त कमरों का निर्माण नहीं हो सका है। शिक्षक बताते हैं कि करीब 24-25 साल पहले इस विद्यालय की स्थापना हुई थी। आठवीं कक्षा की नेहा कुमारी व छोटी कुमारी ने बताया कि कमरों की कमी व बदहाली के कारण कक्षा छह, सात व आठ के बच्चे उसी बदहाल कमरों में पढ़ते हैं। जबकि कक्षा एक से पांच तक के छात्र-छात्राओं को विद्यालय भवन के बरामदा में बैठाकर पढ़ाया जाता है। जब बारिश होती है, तब छत से पानी टपकता है। तब विद्यालय के कमरों में बैठकर पढ़ने में दिक्कत होती है। किताब-कॉपी भी भींग जाती है। इस दौरान उनकी पढ़ताई प्रभावित होती है। आठवीं कक्षा के अंकुश राज यादव, राज कुमार व किशन यादव ने बताया कि विद्यालय परिसर में तीन चापाकल गाड़े गए थे। इनमें से दो चापाकल पहले से खराब थे। तीसरा चापाकल भी तीन माह से खराब है। इनकी मरम्मत नहीं कराई जा रही है। विद्यालय में पेयजल की सुविधा नहीं है। प्यास लगने पर उन्हें पानी पीने के लिए घर पर जाना पड़ता है 

या फिर घर से पानी लेकर विद्यालय आना पड़ता है। शिक्षकों को भी इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है।


बिजली कटने पर एमडीएम में होती है देर: खामिदौरा विद्यालय में न बोरिंग है और न चापाकल। रसोइया गांव में स्थापित नल-जल योजना के नल से पानी लाती हैं, तब स्कूल में मध्याह्न भोजन पकता है और उसके बर्तन की सफाई होती है। जब बिजली कट जाती है और पानी नहीं रहता है, तब मध्याह्न भोजन पकाने में देर हो जाती है। समय से दोपहर का भोजन नहीं मिलने पर बच्चों को दिक्कत होती


है। कुछ बच्चे खाने के लिए घर चले जाते हैं। बोले एचएम, दूसरे स्कूल में दाखिला ले रहे बच्चे ः स्कूल के प्रधानाध्यापक अनिल कुमार सिंह ने बताया कि पुराने हो चुके स्कूल भवन काफी जर्जर हो गए हैं। भवन की कमी के कारण हर मौसम में बच्चे खुले बरामदे में पढ़ते हैं। पिछले तीन माह से पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है। भवन जर्जर होने के कारण गांव के अभिभावक अपने बच्चों का नामांकन दूसरे विद्यालय में करा रहे हैं। इस विद्यालय में नामांकित 374 बच्चों को पढ़ाने के लिए 10 शिक्षक कार्यरत हैं। हादसे की आशंका से सहमे रहते हैं अभिभावकः खामिदौरा गांव के ग्रामीण में आनंद सिंह, जानकी ठाकुर, सुरेंद्र लाल श्रीवास्तव, अरविंद कुमार सिंह आदि कहते हैं कि जर्जर भवन से हादसे की आशंका बनी रहती है। बच्चों को पढ़ने के लिए विद्यालय में तो भेज देते हैं, पर उनके मन में डर बना रहता है। बरसात होने पर कमरों की छत से पानी टपकता है। प्लास्टर झड़कर गिर रहा है। बच्चों को पीने के लिए पानी तक का प्रबंध नहीं है। ग्रामीणों ने शिक्षा विभाग व जनप्रतिनिधियों से भवन निर्माण कराने की मांग की है।

Bihar teachers news:तीन जर्जर कमरों और बरामदे में पढ़ने को मजबूर हैंखामिदौरा मध्य विद्यालय के बच्चे Rating: 4.5 Diposkan Oleh: Updatemarts

Social media link