गांवों में शिक्षक सरप्लस, नगर में शिक्षामित्रों के सहारे हो रही पढ़ाई
संवाद सहयोगी, जागरण, जौनपुर सरकार बेसिक शिक्षा को मजबूत करने के लिए गंभीर है। परिषदीय स्कूलों में शात्रों को संख्या बहाने के लिए तमाम कोशिश कर रही है। लेकिन व्यस्थागत खामियों के चलते सरकार की मंशा पूरी होती नहीं दिख गही है। खमी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जमीण क्षेत्र के विद्यालयों में आठ से शिक्षक सरप्लस हैं। वहीं नगर क्षेत्र के जूनियर हाईस्कूल में एक भी शिक्षक वर्तमान में नहीं हैं। प्राथमिक विद्यालय अधिकांश शिक्षामित्रों के भरोसे चल रहे हैं। बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित अभिभावक मजबूरी में प्राइवेट विद्यालयों में प्रवेश दिला रहे हैं। इसके चलते गात्रों की संख्या लगातार कम हो रही है।
सर्व शिक्षा अभियान के तहत मध्याह्न भोजन योजना, निश्शुल्क ड्रेस व किताों का वितरण, मुफ्त पढ़ाई, उपचार आदि की सुविधा मिलने के बाद भी छात्रों की संख्या निरंतर कम होती जा रही है। नामांकन कराने वाले छात्रों को भी गुणवतायुक्त शिक्षा नहीं मिल रही है। सबसे विकट स्थिति नगर क्षेत्र के विद्यालयों की है। वर्ष
1985 के बाद से नियुक्ति न होने के कारण विद्यालय शिक्षक विहीन हो गए हैं। ऐसे में शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। बच्चों का भविष्य देख अधिकांश अभिभावक नामांकन नहीं करा रहे हैं। नगर क्षेत्र के विद्यालयों में लंबे समय से नियुक्ति न होने के कारण शिक्षकों की कमी है। अनुदेशकों के अतिरिक्त प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों से किसी तरह काम चलाया जा रााा है। ग्रामीण अंचल के शिक्षकों को नगरीय क्षेत्र में समायेजन का शासनादेश जारी हुआ था, लेकिन प्रक्रिया नहीं शुरू हो पाई। नगर सीमा में आने बाकजूद नषा में शामिल नहीं हुए 28 विद्यालय नगर पालिका जौनपुर में वर्ष 2017 में सीमा विस्तार में बाद 28 गांवों के प्राथमिक विद्यालय नगर सीमा क्षेत्र में आ गए हैं। इन विद्यालयों में कई ऐसे हैं जहां शिक्षक सप्लस हैं वहीं अधिकांश में चार से स्वत शिक्षकों की तैनाती है। सात साल बीत गए, लेकिन इन विद्यालयों को अभी तक नगर क्षेत्र में शामिल नहीं किया गया है। इन विद्यालयों को नगर क्षेत्र में शामिल कर दिया जाता तो काफी हद तक शिक्षकों को समस्या कम हो जाती.

