वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 में करदाताओं के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा की है। इसके तहत 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय को करमुक्त (इनकम टैक्स फ्री) कर दिया गया है। हालांकि, यदि कंपनियां कर्मचारियों के वेतन संरचना में बदलाव करके कुछ भत्तों का लाभ दें, तो यह सीमा 17 लाख रुपये वार्षिक तक बढ़ाई जा सकती है। आयकर अधिनियम के नियमों के अनुसार, न्यू टैक्स सिस्टम में कुछ भत्ते शर्तों के साथ करमुक्त हैं, जिनका उपयोग करके करदाता अपनी कर देयता कम कर सकते हैं।
आइए समझते हैं कैसे:
मुख्य भत्ते और उनके लाभ:
टेलीफोन/मोबाइल बिल:
कर्मचारी अपने टेलीफोन, मोबाइल और इंटरनेट बिलों पर असीमित छूट का दावा कर सकते हैं। यदि कंपनी वेतन संरचना में इन खर्चों को शामिल करे, तो कर बचत होती है।
विशेष रूप से सक्षम कर्मचारियों के लिए परिवहन भत्ता:
अंधे, बहरे, गूंगे या ऑर्थोपेडिक विकलांगता वाले कर्मचारियों को 3,200 रुपये मासिक (38,400 रुपये वार्षिक) तक का परिवहन भत्ता करमुक्त मिलता है। यह भत्ता घर से ऑफिस और अन्य यात्राओं के लिए उपलब्ध है।
वाहन प्रतिपूर्ति (व्हीकल रीइंबर्समेंट):
नियोक्ता द्वारा कर्मचारियों को कार्य संबंधी यात्राओं के लिए दी गई वाहन सुविधा पर कर लाभ मिलता है। व्यक्तिगत और आधिकारिक उपयोग वाली कार का पर्क मूल्य भी कम कर योग्य है।
ध्यान रखें:
ये लाभ केवल तभी मिलते हैं जब कंपनी वेतन संरचना में इन भत्तों को शामिल करे।
न्यू टैक्स सिस्टम में कर योग्य आय कम करने के लिए भत्तों का सही तरीके से उपयोग करें।
विशेष भत्तों के लिए आयकर नियमों की शर्तों का पालन अनिवार्य है।
इस तरह, वेतन संरचना को समझदारी से प्लान करके आप 2025-26 में अपनी कर बचत को अधिकतम कर सकते हैं!


