खंड शिक्षा अधिकारियों से मांगी शहरी और ग्रामीण स्कूलों की सूची
गाजियाबाद। मकान किराया भत्ते (एचआरए) को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग में चल रही जांच में लेखाधिकारी ने खंड शिक्षा अधिकारियों से शहरी और ग्रामीण स्कूलों की सूची मांगी है। इसके साथ ही किस पत्र की संस्तुति के आधार पर दूरी भत्ता दिया जा रहा है। उसके बारे में जानकारी मांगी गई है।
शहरी स्कूलों के शिक्षकों और ग्रामीण स्कूलों के शिक्षकों को मकान किराया भत्ता अलग-अलग दिया जाता है। नगर क्षेत्र के आठ किलोमीटर के दायरे में शहरी क्षेत्र के स्कूल आते हैं। जिनका भत्ता ग्रामीण क्षेत्र से दोगुना है। कई शिक्षक अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ सांठगांठ कर शहर क्षेत्र का किराया भत्ता ले रहे हैं, जिसकी जांच की जा रही है। सूत्रों की माने तो इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी और कर्मचारी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैंं। अब तक वित्त विभाग को शहरी और ग्रामीण स्कूलों की लिस्ट तक मुहैया नहीं कराई गई, जिससे जांच का समय बढ़ता जा रहा है। लेखाधिकारी आदित्य कुमार का कहना है कि शासनादेश के अनुसार बिना किसी प्रशासनिक अधिकारी के अनुमति के दूरी भत्ता नहीं दिया जा सकता है। उस पर एसडीएम के हस्ताक्षर होते हैं। किस पत्र के आधार पर भत्ता दिया जा रहा है। इसकी जानकारी के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखा गया है। साथ ही स्कूलों की अलग-अलग लिस्ट मांगी गई है। सभी कागजात मिलते ही जांच तेजी से शुरू हो जाएगी। बीएसए ओपी यादव का कहना है कि जांच में पूरा सहयोग किया जा रहा है।
गौतमबुद्धनगर में 182 शिक्षकों से की गई रिकवरी-
इसी फर्जीवाड़े के तहत गौतमबुद्धनगर जिले में 182 शिक्षकों गलत भत्ता लेने पर रिकवरी की गई है, जबकि यहां अभी तक जांच भी पूरी नहीं हो पाई है।
-जांच की आंच में दो का स्थानातंरण-
इसी घोटाले की आंच में लेखाकार अनुज कुमार का स्थानांतरण मुरादाबाद कर दिया गया है और लेखाधिकारी नमिता सिंह से चार्ज ले लिया गया है। अब लेखाकर रजनीश कुमार और लेखाधिकारी पद पर आदित्य कुमार की तैनाती की गई है।
-एक हजार शिक्षक जांच के घेरे में-
इस समय जिले में कुल 2062 शिक्षक हैं। जिसमें से शहर में 236 शिक्षक तैनात हैं। ग्रामीण क्षेत्र में कुल 1826 शिक्षक हैं। नियमानुसार 500 शिक्षकों को आठ किमी दायरे के हिसाब से शहरी भत्ता मिलना चाहिए, लेकिन एक हजार से अधिक शिक्षक इसका फायदा उठा रहे हैं। जिसमें लोनी से लेकर मोदीनगर से मुरादगनर तक के शिक्षक शामिल हैं। जिनकी दूरी आठ किमी से काफी अधिक है।

