शिक्षक संघ और बीएसए में हुई नोकझोंक जिले में चल रही स्थानांतरण की प्रक्रिया, काउंसिलिंग में गलत सूची का आरोप
शिक्षक संघ और बीएसए में हुई नोकझोंक
जिले में चल रही स्थानांतरण की प्रक्रिया, काउंसिलिंग में गलत सूची का आरोप
गोरखपुर।
अंतरजनपदीय स्थानांतरण प्रक्रिया के तहत सरप्लस शिक्षकों के समायोजन को लेकर शुक्रवार को बेसिक शिक्षा कार्यालय में शिक्षक संगठनों और बीएसए के बीच नोकझोंक हो गई। गुरुवार देर रात जारी सूचना में सरप्लस शिक्षकों को एकल शिक्षक वाले और बिना शिक्षक के विद्यालयों में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए गए थे। साथ ही शिक्षकों को अगले ही दिन शुक्रवार को सभी अभिलेखों के साथ बीएसए कार्यालय में उपस्थित होकर काउंसिलिंग कराने को कहा गया था, जिस पर शिक्षक संगठनों ने कड़ी आपत्ति जताई।
गुरुवार देर रात जारी हुआ था आदेश, वरिष्ठता पर नहीं है कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश
शिक्षक नेताओं का आरोप है कि जारी सूचना में वरिष्ठता निर्धारण को लेकर कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं दिए गए। यह भी नहीं बताया गया कि समायोजन वरिष्ठता के आधार पर किया जाएगा या कनिष्ठता के आधार पर। किस शिक्षक को किस विद्यालय में भेजा जाएगा, इसे लेकर स्थिति पूरी तरह अस्पष्ट रही, जिससे शिक्षकों में रोष और असमंजस की स्थिति बन गई है।
शिक्षकों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों की सूची में भी भारी गड़बड़ी पाई गई है। कई विद्यालयों में रिक्त और सरप्लस दोनों का विवरण वास्तविक स्थिति से मेल नहीं खाता। इसके अलावा अनेक शिक्षकों को सूचना देर से मिली, जबकि पूरी प्रक्रिया के लिए केवल एक दिन का ही समय दिया गया।
शिक्षक संगठनों का कहना है कि गलत सूची और स्पष्ट प्रक्रिया के अभाव में किया गया समायोजन विवादों को जन्म देगा, इसलिए पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से पुनः किया जाना चाहिए।
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला उपाध्यक्ष ज्ञानेंद्र ओझा ने बताया कि 250 शिक्षकों ने स्थानांतरण के लिए आवेदन किया था। वहीं बीएसए धीरेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि त्रुटियों को लेकर डेटा संशोधन किया जा रहा है। जल्द ही जो भी कमियां हैं, उसे पूरा कर लिया जाएगा।

