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Friday, December 26, 2025

बरेली की शिक्षिका (‘पैड वुमन’) राखी गंगवार बनीं ग्रामीण महिलाओं की शक्ति, मिला सरदार सम्मान

 बरेली।

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले की एक साधारण प्राथमिक स्कूल शिक्षिका ने अपने संकल्प और सेवा भाव से ग्रामीण समाज में बड़ा बदलाव ला दिया है। आज केवल एक शिक्षिका ही नहीं, बल्कि ग्रामीण महिलाओं और किशोरियों के लिए मासिक धर्म स्वच्छता की मिसाल बन चुकी हैं। लोग उन्हें सम्मानपूर्वक “पैड वुमन” (Pad Woman) के नाम से जानते हैं।


राखी गंगवार “हमारी किशोरी हमारी शक्ति पैड बैंक” की फाउंडर हैं। उन्होंने बरेली के भदपुरा ब्लॉक स्थित प्राथमिक विद्यालय बौरैया से इस अनूठी पहल की शुरुआत की। शुरुआती दौर में उन्होंने अपने निजी खर्च से सैनिटरी पैड खरीदकर गाँव की महिलाओं और किशोरियों में वितरित किए। आज उनकी मुहिम को विभिन्न कंपनियों और सामाजिक सहयोगियों का भी समर्थन मिलने लगा है।


55 से अधिक गाँवों तक पहुँची मुहिम

राखी गंगवार की पहल से हर महीने 100–150 से अधिक महिलाएँ लाभान्वित हो रही हैं। अब तक वे 55 से अधिक गाँवों में 20,000 से ज्यादा महिलाओं और किशोरियों तक मासिक धर्म स्वच्छता का संदेश पहुँचा चुकी हैं। उनका मुख्य उद्देश्य गाँवों को “कपड़ा मुक्त” (Cloth-Free) बनाना है, ताकि पुराने कपड़ों के उपयोग से होने वाले संक्रमण और बीमारियों को रोका जा सके।


सम्मान और पहचान

उनके उल्लेखनीय सामाजिक कार्यों के लिए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2025 के अवसर पर लखनऊ में उन्हें “नारी शक्ति सम्मान” से सम्मानित किया गया। मीडिया में भी उन्हें ‘Padwoman’ कहकर सराहा जा रहा है, क्योंकि वे ठीक उसी तरह समाज में बदलाव ला रही हैं, जैसे फिल्म पैडमैन में दिखाया गया था।


प्रेरणा का स्रोत बनीं शिक्षिका

एक शिक्षिका, सामाजिक कार्यकर्ता और मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में राखी गंगवार आज हजारों महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं। उनकी मुहिम से गाँव की महिलाएँ अब बिना झिझक सैनिटरी पैड का उपयोग कर रही हैं और मासिक धर्म को लेकर जागरूक हो रही हैं।


निस्संदेह, राखी गंगवार का यह प्रयास महिला सशक्तिकरण और स्वास्थ्य जागरूकता की दिशा में एक मजबूत कदम है।



बरेली की शिक्षिका (‘पैड वुमन’) राखी गंगवार बनीं ग्रामीण महिलाओं की शक्ति, मिला सरदार सम्मान Rating: 4.5 Diposkan Oleh: Updatemarts

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