कल का दिन कुछ
लोगों के लिए ऐतिहासिक हो सकता है।
टीईटी का ऐसा रौला है कि चौदह वर्ष बाद भी टीईटी में सत्तर फीसदी या इससे अधिक अंक पाने वालों के प्रति न्यायमूर्ति उदार हैं।
बशर्ते कि वह 25/07/2017 के पहले माननीय सर्वोच्च न्यायालय में उपस्थित हों।
टीईटी वर्तमान में प्राथमिक शिक्षा की आत्मा है।

