बच्चे जाएंगे स्कूल तभी मिलेगी आर्थिक मदद और साइकिल
प्रतापगढ़। बच्चों का दाखिला स्कूल में कराकर विभाग से लाभ उठाने वाले श्रमिकों को अब बच्चों को नियमित स्कूल भेजना होगा। श्रमिकों को अब बच्चों की शिक्षा के प्रति जागरूकता दिखानी होगी। तभी बच्चों को आर्थिक मदद व साइकिल का लाभ मिलेगा। 50 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति होने पर ही श्रम विभाग को लाभ उन्हें मिलेगा। श्रम विभाग विद्यालयों से इसकी रिपोर्ट लेगा।
मेहनत-मजदूरी कर जीवनयापन करने वाले मजूदरों की संतानों को शिक्षित करने के लिए सरकार ने संत रविदास शिक्षा सहायता योजना शुरू की है। इसके तहत एक से उच्च शिक्षा तक सरकार प्रोत्साहन राशि देगी। इसके लिए अभिभावक का श्रमिक बोर्ड में पंजीकरण आवश्यक है। पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों को योजना के तहत कक्षा एक से पांच, छह से आठ नौवीं से बारहवीं इसके बाद स्नातक की पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद दी जाती है। ताकि उनकी पढ़ाई में दिक्कत न आए। वे शिक्षा की मुख्यधारा से जुड़ सकें।
इसके अलावा उन्हें स्कूल आने व जाने के लिए साइकिल भी दी जाती है। मगर अधिकांश ऐसे पंजीकृत श्रमिक हैं, जो बच्चों की शिक्षा के प्रति संजीदा नहीं हैं। वे बच्चों का दाखिला कराने के बाद उन्हें स्कूल भेजने के बजाए काम पर भेज देते हैं। स्कूल में दाखिला चलता रहता है और इधर लाभ भी उठाते रहते हैं। इसका असर बच्चों को शिक्षा पर पड़ता है। मगर अब विभाग इसे लेकर संजीदा है।
विभाग की योजना का लाभ लेने के लिए श्रमिकों को अपने बच्चों को स्कूल भेजना होगा। बच्चों को नियमित स्कूल भेजा जा रहा है या नहीं, इसकी विभागीय अधिकारी जांच करेंगे। 50 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति पर ही बच्चों को योजना का लाभ मिलेगा।
श्रम प्रवर्तन अधिकारी डॉ. महेंद्र सिंह ने बताया कि बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा जोड़ने के लिए यह पहल की गई है। योजना का लाभ लेने वाले हर बच्चे को साइकिल दी जाएगी। शर्त यह है कि एक श्रमिक के दो बच्चे ही योजना का लाभ ले सकते हैं।

