बागपत। अब्दुलपुर गांव के उच्च प्राथमिक विद्यालय में तीन साल एक भी बच्चा पंजीकृत नहीं है और उसके बाद भी प्रधानाध्यापक व चार शिक्षकों को तैनात करके लाखों रुपये खर्च किए जा रहे थे। अमर उजाला में इस संबंध में खबर प्रकाशित होने के बाद अब चार शिक्षकों को हटाकर अन्य स्कूलों में भेज दिया गया है।स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक को देखरेख के लिए वहां छोड़ा गया है।
अब्दुलपुर गांव के उच्च प्राथमिक विद्यालय में पिछले तीन साल से एक भी बच्चे का पंजीकरण नहीं हुआ है। स्कूल के शिक्षक रोजाना स्कूल खोलकर और बंद कर चले जाते थे। तीन साल से शिक्षकों को बिना शिक्षण कार्य कराए ही वेतन का भुगतान किया जा रहा था। स्कूल में प्रधानाध्यापक संजय सिंह के अलावा सहायक अध्यापक गजेंद्र नैन, सुधीर कुमार, ताहिरा और सोनिया तैनात थे। अमर उजाला में इस संबंध में प्रमुखता से समाचार छपा था।
अब शिक्षा विभाग की ओर से स्कूल के शिक्षकों का दूसरे विद्यालयों में तबादला किया गया है। स्कूल के प्रभारी प्रधानाचार्य संजय सिंह को विद्यालय की देखरेख की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सहायक अध्यापक सुधीर कुमार का उच्च प्राथमिक विद्यालय मवींकला, गजेंद्र नैन का संविलियन विद्यालय नौरोजपुर गुर्जर, सहायक अध्यापिका ताहिरा का उच्च प्राथमिक विद्यालय गौना और सहायक अध्यापिका सोनिया का उच्च प्राथमिक विद्यालय मुबारिकपुर में स्थानांतरित किया गया है।
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तीन साल में बिना पढ़ाए किया गया लाखों का भुगतान
अब्दुलपुर के उच्च प्राथमिक विद्यालय में तीन साल से एक भी बच्चे का पंजीकरण होने के बावजूद पांच शिक्षकों को वेतन का भुगतान किया जा रहा था। तीन साल में पांचों शिक्षकों को बिना शिक्षण कार्य कराए ही लाखों रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
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वर्जन - उच्च प्राथमिक विद्यालय अब्दुलपुर के चार शिक्षकों का अलग-अलग विद्यालयों में स्थानांतरण कर दिया है। प्रभारी प्रधानाचार्य को स्कूल में रहकर देखरेख की जिम्मेदारी सौंपी गई है। - प्रियंका शर्मा, खंड शिक्षाधिकारी खेकड़ा

