आवारा और पागल कुत्ते राहगीरों के लिए खतरनाक होते जा रहे हैं। रात के अंधेरे में बाइक और कार के पीछे दौड़ने वाले कुत्ते अब दिन में भी हमला करने लगे हैं। क्षेत्र का शायद ही कोई सड़क या गली हो जहां इनकी दहशत न हो। राहगीर परेशान हैं पर करें भी तो क्या।
राह चलते कब कुत्ते हमला कर देंगे, इसका पता ही नहीं चल रहा है। गांव समेत आसपास के क्षेत्रों में आवारा कुत्तों का आतंक है। प्रशासन इन कुत्तों की संख्या पर नियंत्रण करने में पूरी तरह से असहाय साबित हो रहा है। आए दिन क्षेत्र के विभिन्न सड़कों पर बेखौफ आवारा कुत्तों का समूह राहगीरों व स्थानीय लोगों पर हमला कर घायल कर रहे हैं। बावजूद इसके इनकी संख्या पर नियंत्रण लगाने की कोई
कोशिश नहीं की गई है। इनकी बढ़ती फौज को देखकर स्कूली बच्चों से से लेकर आमजन भी खौफजदा हैं। क्षेत्र में इनका आतंक किस कदर है, इसकी गवाही प्राथमिक विद्यालय गांधीनगर के शिक्षक संजय कुमार ने बताया कि सुबह सुबह पांच बजे स्कूल जाने के लिए घर से निकले रास्ते में पांच छह कुत्ते खडेड़ना शुरू कर दिया। बचने के दौरान बाइक से गिर जाने के दौरान उनका हाथ टूट गया है और चोट भी लगी है।