BSA की याचिका हाई कोर्ट से खारिज
सिद्धार्थनगर। बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़ा करने समेत अन्य आरोपों में घिरे बीएसए देवेंद्र कुमार पांडेय समेत चार लोगों पर कार्रवाई की तलवार लटकने लगी है। एसटीएफ गोरखपुर रेंज की जांच आख्या पर चारों अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध नौगढ़ सदर थानाक्षेत्र में गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज है। इस एफआईआर को क्वैस कराने के लिए बीएसए ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद में याचिका दायर की थी। न्यायालय की डबल बेंच ने याचिका में उल्लिखित तथ्यों व साक्ष्यों से सहमत न होने पर बीएसए की याचिका को डिसमिस कर दिया है। इससे साफ है कि उक्त एफआईआर में चारों को गिरफ्तारी से राहत मिलने वाली नहीं है।
दरअसल, जनपद संतकबीरनगर के बेलबनवा गांव निवासी विनोद प्रताप सिंह पुत्र स्व. शोहरत सिंह ने बीएसए कार्यालय में मान्यता आदेश जारी करने में किए गए फर्जीवाड़ा और षड्यंत्र के तहत गायब की गई उर्दू भर्ती पत्रावली के संबंध में उत्तर प्रदेश लखनऊ स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) के अपर पुलिस महानिदेशक अमिताभ यश को पत्र देकर शिकायत की थी। उक्त शिकायती पत्र का एसटीएफ फिल्ड इकाई गोरखपुर द्वारा जांच की गई। जिसमें लिपिक मुकुल मिश्रा, लिपिक का संरक्षण करने व फर्जीवाड़ा में लिप्त होने का साक्ष्य मिलने पर जनपद के बीएसए देवेंद्र कुमार पांडेय, मुकुल मिश्रा का विभागीय जांच करने वाले तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) कुंवर विक्रम पांडेय (वर्तमान तैनाती जनपद गोरखपुर के ब्लॉक पिपराइच) व वर्तमान पटल सहायक शिवसागर चौबे को दोषी पाया है। एसटीएफ की जांच में दोषी मिलने पर चारों के विरुद्ध नौगढ़ सदर थाने में 16 मार्च 2024 को मुकदमा अपराध संख्या 41/2024 धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120 बी, 201 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।


