Primary Ka Master Latest Updates👇

Saturday, November 15, 2025

फैसले हिंदी या अंग्रेजी में दें ट्रायल कोर्ट,दोनों में नहीं ’

 फैसले हिंदी या अंग्रेजी में दें ट्रायल कोर्ट,दोनों में नहीं ’

प्रयागराज, । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि ट्रायल कोर्ट फैसले या हिंदी में लिखें या पूरी तरह अंग्रेजी में। दोनों भाषाओं को मिलाकर लिखा निर्णय स्वीकार्य नहीं है। कोर्ट ने आगरा की सत्र न्यायालय के एक फैसले को इसका सर्वोत्तम उदाहरण बताते हुए कॉपी चीफ जस्टिस,राज्य के न्यायिक अधिकारियों को भेजने का निर्देश दिया।





हाईकोर्ट ने पाया कि फैसला 54 पन्नों का था, जिसमें 63 पैराग्राफ अंग्रेजी और 125 हिंदी में और 11 पैराग्राफ दोनों भाषाओं के मिश्रण थे। इससे साधारण हिंदी भाषी व्यक्ति फैसला समझ नहीं सकता। कोर्ट ने कहा कि निर्णय एक ही भाषा में लिखा जाना चाहिए हालांकि सुप्रीम कोर्ट/हाईकोर्ट के अंग्रेजी अंश या हिंदी में दर्ज मृत्युकालिक कथन जैसे उद्धरण मूल भाषा में दिए बगैर जा सकते हैं, बशर्ते अनुवाद भी दिया जाए। हाईकोर्ट ने 2021 की दहेज हत्या में आरोपी पति को दोषमुक्त करने का निर्णय सही ठहराते हुए कहा कि अभियोजन दहेज की मांग से जुड़ी क्रूरता साबित नहीं कर सका। ब्याहता की मृत्यु सात वर्ष में,अप्राकृतिक (एल्यूमिनियम फॉस्फाइड विषाक्तता) से हुई थी। मगर गवाहों के बयान विरोधाभासी थे और मृत्यु से पूर्व कोई क्रूरता सिद्ध नहीं हुई।


फैसले हिंदी या अंग्रेजी में दें ट्रायल कोर्ट,दोनों में नहीं ’ Rating: 4.5 Diposkan Oleh: Huebhdhdj

Social media link