वोट देने के लिए पांच साल में एक बार खुलता है पिपरा प्राथमिक स्कूल
इमामगंज प्रखंड के पिपरा गांव में लाखों रुपये से बना दो कमरे का प्राथमिक विद्यालय में एक भी शिक्षक नहीं है। यहां बच्चों की पढ़ाई नहीं होती है। इस बार विधानसभा चुनाव के लिए बूथ संख्या 283 बनाया गया है। विद्यालय भवन का निर्माण करीब 25 साल पहले वर्ष 2000 में हुआ था। इस गांव के बच्चे तीन किलोमीटर दूर बहुआरा मध्य विद्यालय में पढ़ने जाते हैं। विद्यालय भवन पर बिहार विधानसभा आम निर्वाचन क्षेत्र 2025 विधानसभा क्षेत्र संख्या 227 इमामगंज, मतदान केंद्र संख्या 283 लिखा हुआ है। इस संबंध में ग्रामीण सुरेंद्र कुमार और मुस्तफा अंसारी बताते है कि करीब 25 साल पहले
पिपरा गांव में प्राथमिक विद्यालय का भवन बना था। इससे ग्रामीणों में खुशी थी। भवन बनने के बाद से अब तक स्कूल में एक भी शिक्षक की नियुक्ति
नहीं हुई है। इससे क्षेत्रीय नेताओं से ग्रामीण काफी नाखुश हैं। वे बताते है कि विद्यालय का संचालन नहीं होने से भवन का उपयोग गांव के लोग करते हैं। चुनाव आने पर हमलोग यहां मतदान करते हैं। पिपरा गांव तीन टोले में बांटा हुआ है। तीनों टोले से करीब पांच सौ से अधिक घर हैं। इस गांव में पांच से छह सौ पढ़ने वाले बच्चे हैं। पढ़ने के लिए गांव से तीन किलोमीटर दूर मध्य विद्यालय बहुआरा जाते हैं। बीडीओ ने बताया कि शिक्षा विभाग की सूची में प्राथमिक विद्यालय पिपरा का नाम नहीं है। उसकी जानकारी मुझे इस वर्ष चुनाव में बूथ की सूची के दौरान मिली है। शिक्षा विभाग के पूर्व
बीआरपी हेमंत कुमार हेमंत बताते है कि शिक्षा विभाग की सूची में प्राथमिक विद्यालय पिपरा का नाम नहीं रहने से यहां पर अब तक शिक्षक की बहाली नहीं हुई है। सिर्फ प्राथमिक विद्यालय पिपरा के नाम से बूथ का नाम दर्ज है। इसके बाद भी शिक्षा विभाग में अब तक इस विद्यालय नाम दर्ज नहीं हो सका है। नौडीहा पंचायत के पूर्व मुखिया इंदु देवी और पूर्व मुखिया गजेंद्र दास बताते हैं कि विद्यालय को चालू कराने के लिए कई बार डीएम और डीईओ और शिक्षा मंत्री को आवेदन दिया गया। लेकिन, अब तक विद्यालय को चालू नहीं किया गया।

