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पटना, हिन्दुस्तान ब्यूरो। राज्य के सभी 75 हजार स्कूलों में शिक्षकों की आवश्यकता का अध्ययन होगा। इसके बाद स्कूलों में छात्र-छात्राओं की संख्या के अनुपात में यह तय किया जाएगा कि किस स्कूल में विषयवार कितने शिक्षकों को पदस्थापित किया जाएगा। शिक्षा विभाग ने एक सप्ताह के अंदर यह कार्य पूरा करने का लक्ष्य तय किया है। इसी आधार पर फिर शिक्षकों के पदस्थापन और स्थानांतरण की कार्रवाई शुरू होगी। शिक्षा विभाग सक्षमता परीक्षा
उत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों के पदस्थापन के साथ-साथ बीपीएससी से बहाल तथा पूर्व से कार्यरत नियमित शिक्षकों के पदस्थापन और स्थानांतरण को लेकर नये सिरे से नियम बना रहा है। इसको लेकर विभाग के सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित है। कमेटी 10 दिनों में अपनी रिपोर्ट देगी, जिसके आधार पर शिक्षकों के पदस्थापन और स्थानांतरण को लेकर बनी नियमावली में संशोधन किया जाएगा। इसी बीच विभाग यह तय करेगा कि किस स्कूल में विषयवार कितने शिक्षकों की जरूरत है ताकि, राज्य स्तर पर शिक्षकों को इस हिसाब से पदस्थापित किया जा सके कि स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात बेहतर रहे। वर्तमान में बच्चों की संख्या के आधार पर शिक्षकों का सभी स्कूलों में पदस्थापन नहीं है। इस कारण किसी स्कूल में आवश्यकता से अधिक तो कहीं पर काफी कम शिक्षक कार्यरत हैं। क्या कहते हैं अधिकारी : शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने इस संबंध में कहा है कि राज्य के कुछ स्कूलों में जरूरत से
काफी अधिक शिक्षक पदस्थापित हैं। वहीं, कई स्कूलों में आवश्यकता से कम शिक्षक हैं। इसी को देखते हुए राज्यभर के स्कूलों में शिक्षकों की जरूरत का आकलन किया जा रहा है।